शरद पूर्णिमा कल शहर में होंगे कई आयोजन, खरीद-फरोख्त के लिए स्वयं सिद्ध मुहूर्त का खास दिन
शरद पूर्णिमा पर बुधवार को कई विशिष्ट योग बनेंगे। इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधवार का दिन और इसके स्वामी बुध का तुला राशि में होना व अश्विनी नक्षत्र शामिल है, जिसमें की गई पूजा-अर्चना व भूमि, भवन, वाहन व ज्वेलरी आदि की खरीद-फरोेख्त शुभ व समृद्धिदायी रहेगी। इस दिन को स्वयं सिद्द मुहूर्त वाला दिन माना जाता है।
दूसरी ओर कई समितियों द्वारा भगवान की प्रतिमाओं को बड़े तालाब में नौका विहार कराया जाएगा। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के बाद खीर का प्रसाद वितरित होगा। स्नान-दान पूर्णिमा रहने से अनेक लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाएंगे। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि व आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के अवतरण दिवस के आयोजन भी होंगे।
अबूझ मुहूर्त : पं. प्रहलाद पंड्या ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के साथ ही लक्ष्मी, इंद्र व कुबेर की पूजा का भी विधान है। यह दिन भी अबूझ मुहूर्त जैसे दिन में शामिल है। इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है, वहीं खरीद-फरोख्त करना भी समृद्धिदायी रहता है। इस दिन सुबह 9.39 तक रेवती नक्षत्र रहेगा, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। ये दोनों नक्षत्र दिन की शुभता को बढ़ाने वाले हैं। खास बात यह रहेगी कि इस दिन सुबह 9.45 बजे पंचक समाप्त हो जाएगा।
निकलेगा चल समारोह, होंगे भजन-कीर्तन : शरदोत्सव पर गुफा, नेवरी, गिन्नौरी मंदिर, बिड़ला और मार्कण्डेय मंदिर आदि मंदिरों में भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-आरती की जाएगी। मार्कण्डेय मंदिर में दूध का भोग लगेगा। हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में शाम 7 बजे राधा-कृष्ण मंदिर घोड़ा नक्कास से चल समारोह निकाला जाएगा। कार्यवाहक अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने बताया कि चल समारोह शीतलदास की बगिया पहुंचेगा। इसके संयोजक रवींद्र धूत व प्रभारी संजय बाथम व किशोर हासानी को बनाया है।
बड़े तालाब में नौका विहार: बड़वाले महादेव मंदिर सेवा समिति के संजय अग्रवाल व प्रमोद नेमा ने बताया कि समिति द्वारा भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमाओं को रात 9 बजे बड़े तालाब में सुसज्जित नौका में विहार कराया जाएगा। नौका में सवार मुरलीवाला ग्रुप भजन प्रस्तुत करेगा। दूसरी ओर गुफा मंदिर लालघाटी में महंत चंद्रमादास त्यागी के सान्निध्य में शरदोत्सव पर शाम सात बजे भगवान राधा-कृष्ण का अभिषेक-पूजा व महा आरती होगी।
दूसरी ओर कई समितियों द्वारा भगवान की प्रतिमाओं को बड़े तालाब में नौका विहार कराया जाएगा। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के बाद खीर का प्रसाद वितरित होगा। स्नान-दान पूर्णिमा रहने से अनेक लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाएंगे। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि व आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के अवतरण दिवस के आयोजन भी होंगे।
अबूझ मुहूर्त : पं. प्रहलाद पंड्या ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के साथ ही लक्ष्मी, इंद्र व कुबेर की पूजा का भी विधान है। यह दिन भी अबूझ मुहूर्त जैसे दिन में शामिल है। इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है, वहीं खरीद-फरोख्त करना भी समृद्धिदायी रहता है। इस दिन सुबह 9.39 तक रेवती नक्षत्र रहेगा, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। ये दोनों नक्षत्र दिन की शुभता को बढ़ाने वाले हैं। खास बात यह रहेगी कि इस दिन सुबह 9.45 बजे पंचक समाप्त हो जाएगा।
निकलेगा चल समारोह, होंगे भजन-कीर्तन : शरदोत्सव पर गुफा, नेवरी, गिन्नौरी मंदिर, बिड़ला और मार्कण्डेय मंदिर आदि मंदिरों में भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-आरती की जाएगी। मार्कण्डेय मंदिर में दूध का भोग लगेगा। हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में शाम 7 बजे राधा-कृष्ण मंदिर घोड़ा नक्कास से चल समारोह निकाला जाएगा। कार्यवाहक अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने बताया कि चल समारोह शीतलदास की बगिया पहुंचेगा। इसके संयोजक रवींद्र धूत व प्रभारी संजय बाथम व किशोर हासानी को बनाया है।
बड़े तालाब में नौका विहार: बड़वाले महादेव मंदिर सेवा समिति के संजय अग्रवाल व प्रमोद नेमा ने बताया कि समिति द्वारा भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमाओं को रात 9 बजे बड़े तालाब में सुसज्जित नौका में विहार कराया जाएगा। नौका में सवार मुरलीवाला ग्रुप भजन प्रस्तुत करेगा। दूसरी ओर गुफा मंदिर लालघाटी में महंत चंद्रमादास त्यागी के सान्निध्य में शरदोत्सव पर शाम सात बजे भगवान राधा-कृष्ण का अभिषेक-पूजा व महा आरती होगी।
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