सेंसेक्स 300 अंक मजबूत, निफ्टी 10900 के करीब

एशियाई बाजारों में तेजी और रुपये में मजबूती के बीच सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन एक बार फिर भारतीय शेयर मार्केट की शुरुआत बढ़त के साथ हुई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स पर 104.71 अंक यानी 0.29% की बढ़त के साथ 35,911.99 पर खुला तो वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 41.15 अंक यानी 0.38% की तेजी से 10,820.95 पर खुला. शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्‍स की बढ़त 300 अंकों की हो गई.  कारोबार में बैंक, फाइनेंशियल और ऑटो सेक्टर में अच्छी खरीददारी दिख रही है.

मजबूत हुआ रुपया

गुरुवार की गिरावट के बाद रुपया बढ़त के साथ खुला. डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे मजबूत होकर 70.05 के स्तर पर खुला. बता दें कि पिछले कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया कल 28 पैसे टूटकर 70.35 के स्तर पर बंद हुआ था. इससे पहले सकारात्मक वैश्विक रुख से गुरुवार को सेंसेक्स 157.34 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 35,807.28 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 49.95 अंक या 0.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ 10,779.80 अंक पर बंद हुआ.

गुरुवार को  रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस, एनटीपीसी, ओएनजीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावरग्रिड, एशियन पेंट्स, आईटीसी और एचसीएल टेक के शेयर 2.10 प्रतिशत तक चढ़ गए. वहीं दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और मारुति सुजुकी के शेयरों में 1.71 प्रतिशत तक की गिरावट आई.

इससे पहले ऐसा कहा जा रहा था कि आपकी टेलीविजन सर्विस बंद हो जाएगी, लेकिन ट्राई ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था. बीते दिनों ट्राई ने कहा था कि प्रसारण और केबल सेवा के लिये नए नियामकीय रूपरेखा के क्रियान्वयन से टेलीविजन सेवा बाधित नहीं होगी. अब ट्राई ने 31 जनवरी तक ग्राहकों को अपने पसंदीदा चैनल को चुनने का मौका दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना की घोषणा 2019-20 के अंतरिम बजट में या फिर शीत सत्र के समापन के बाद की जा सकती है. इसके अलावा पहले चरण में लघु और सीमांत किसान को शामिल किया जा सकता है. बता दें कि देश भर में करीब 9 से 11 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं. इससे पहले तेलंगाना की तर्ज पर ओडिशा और झारखंड की सरकारों ने भी रैयत बंधु जैसी योजना लागू करने का एलान कर चुकी हैं.

इन विकल्‍पों पर भी हो रहा विचार!

इसके अलावा भी किसानों को राहत देने के लिए कई विकल्‍पों पर मंथन जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों और अधिकारियों के बीच छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त में फसल बीमा देने और उधारी योजनाओं में कुछ फेरबदल करने पर भी चर्चा हुई है. बता दें कि वर्तमान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से अलग-अगल फसलों के लिए 2 से 5 फीसदी तक की दर से प्रीमियम वसूला जाता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि किसानों को आय मुहैया कराने की योजना पर सरकारी खजाने पर शुरुआती दौर में करीब 600 से 700 अरब रुपये का बोझ आने का अनुमान है. इस योजना में आने वाली कुल खर्च में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी कितनी होगी, इस पर विचार हो रहा है.

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