भारत को सस्ता नमक बेच रहा है पाकिस्तान? बवाल बढ़ने के बाद दी सफाई
पाकिस्तान की एक संसदीय समिति को बताया गया है कि भारत से ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है जो पाकिस्तान को बाध्य करता हो कि वह भारत को कम कीमत पर नमक निर्यात करे.
'द नेशन' की रिपोर्ट के अनुसार, सीनेट की पेट्रोलियम मामलों की स्थाई समिति को सोमवार को यह जानकारी दी गई. पाकिस्तान खनिज विकास विभाग (पीएमडीसी) के महानिदेशक ने समिति को बताया कि सोशल मीडिया पर भारत को नमक निर्यात के बारे में जो सूचनाएं पाई जा रही हैं, वो गलत हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है जो पाकिस्तान को नमक को कम कीमत पर भारत को बेचने पर बाध्य करता हो. हालांकि, उन्होंने समिति से कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान के पास नमक को लेकर अपना कोई ब्रांड नहीं है. जबकि, भारत ने अपनी ब्रांडिंग को बेहतर बनाया है और वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी नमक को अच्छे दामों पर बेच रहा है.
पीएमडीसी के महानिदेशक ने समिति को बताया कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नमक पर दो सौ फीसदी शुल्क लगा दिया है. गौरतलब है कि भारत बड़े पैमाने पर नमक पाकिस्तान से आयात करता है. जिसमें लाहौरी सेंधा नमक की भारत में काफी मांग है.
उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी. अब इस बिल के जरिए सरकार घर से चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है. घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि दो समुदायों की लड़ाई में केस बनता है, लेकिन बिजली के शॉट सर्किट में किसी के जलने पर कोई केस नहीं बनता है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आपने हमारी आपत्तियों को हटाया नहीं है, थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूर की है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है, जिसे आप क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं. वॉरंट के बैगर पुलिस को जेल में डालने का हक दे रहे हैं. साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है. अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है. आप एक पैसा नहीं देंगे, लेकिन उसके पति को जेल में डालने के लिए तैयार हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लिंचिंग के लिए भी कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, लेकिन क्या आपने बनाया. कोर्ट के फैसले जब आपको ठीक लगते हैं तो ही आप लाते हैं. आजाद ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के कहने पर जब तीन तलाक खत्म हो गया तो आप किसी बात की सजा दे रहे हैं. तीन तलाक कहने पर कुछ हुआ ही नहीं तो सजा किस बात क
'द नेशन' की रिपोर्ट के अनुसार, सीनेट की पेट्रोलियम मामलों की स्थाई समिति को सोमवार को यह जानकारी दी गई. पाकिस्तान खनिज विकास विभाग (पीएमडीसी) के महानिदेशक ने समिति को बताया कि सोशल मीडिया पर भारत को नमक निर्यात के बारे में जो सूचनाएं पाई जा रही हैं, वो गलत हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है जो पाकिस्तान को नमक को कम कीमत पर भारत को बेचने पर बाध्य करता हो. हालांकि, उन्होंने समिति से कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान के पास नमक को लेकर अपना कोई ब्रांड नहीं है. जबकि, भारत ने अपनी ब्रांडिंग को बेहतर बनाया है और वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी नमक को अच्छे दामों पर बेच रहा है.
पीएमडीसी के महानिदेशक ने समिति को बताया कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नमक पर दो सौ फीसदी शुल्क लगा दिया है. गौरतलब है कि भारत बड़े पैमाने पर नमक पाकिस्तान से आयात करता है. जिसमें लाहौरी सेंधा नमक की भारत में काफी मांग है.
उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी. अब इस बिल के जरिए सरकार घर से चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है. घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि दो समुदायों की लड़ाई में केस बनता है, लेकिन बिजली के शॉट सर्किट में किसी के जलने पर कोई केस नहीं बनता है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आपने हमारी आपत्तियों को हटाया नहीं है, थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूर की है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है, जिसे आप क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं. वॉरंट के बैगर पुलिस को जेल में डालने का हक दे रहे हैं. साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है. अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है. आप एक पैसा नहीं देंगे, लेकिन उसके पति को जेल में डालने के लिए तैयार हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लिंचिंग के लिए भी कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, लेकिन क्या आपने बनाया. कोर्ट के फैसले जब आपको ठीक लगते हैं तो ही आप लाते हैं. आजाद ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के कहने पर जब तीन तलाक खत्म हो गया तो आप किसी बात की सजा दे रहे हैं. तीन तलाक कहने पर कुछ हुआ ही नहीं तो सजा किस बात क
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